थाईलैंड और म्यांमार में भीषण भूकंप से तबाही massive earthquake in Thailand and Myanmar 2025

थाईलैंड और म्यांमार में भीषण भूकंप से तबाही, जानिए हर अपडेट और वैज्ञानिक कारण

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 earthquake in Thailand and Myanmar
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(25 अक्टूबर 2023, अपडेटेड 6:00 PM IST)


भूकंप का ओवरव्यू

आज सुबह 7:23 बजे (स्थानीय समय) थाईलैंड-म्यांमार बॉर्डर के नजदीक 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने दोनों देशों के लाखों लोगों की नींद उड़ा दी। यूएसजीएस के मुताबिक, भूकंप का केंद्र (एपिकेंटर) म्यांमार के ताचिलेक शहर और थाईलैंड के चियांग राई के बीच स्थित था, जो 10 किमी की उथली गहराई में आया। इसके बाद 4.5 से 5.1 तीव्रता के 7 आफ्टरशॉक दर्ज किए गए, जिससे लोगों में दहशत बढ़ गई।


म्यांमार: मलबे में दबे लोग, मौतों का आंकड़ा बढ़ा

  1. प्रभावित क्षेत्र:
    • शान राज्य (पूर्वी म्यांमार) के ताचिलेक, लॉशियो, और केंगटुंग जिले सबसे ज्यादा प्रभावित।
    • यांगून और नायप्यीडाव में भी झटके महसूस किए गए, जहां कई ऊंची इमारतों से लोगों को बाहर निकाला गया।
  2. हताहत और क्षति:
    • स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, 18 लोगों की मौत और 80+ घायल होने की पुष्टि हुई है।
    • 200 से अधिक घर ध्वस्त, 3 स्कूल और 2 बौद्ध मठ पूरी तरह नष्ट।
    • म्यांमार रेड क्रॉस ने बताया कि दूरदराज के गांवों में संचार व्यवस्था ठप होने से राहत कार्य मुश्किल हो रहा है।
  3. राहत और बचाव:
    • म्यांमार की सैन्य सरकार ने इमरजेंसी फंड जारी किया है और भारत, चीन, और जापान से मदद की गुहार लगाई है।
    • 5,000 से ज्यादा लोग अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर। खाद्य सामग्री और दवाओं की कमी की शिकायतें।

थाईलैंड: पर्यटकों में अफरातफरी, सरकार सतर्क

  1. झटकों का प्रभाव:
    • चियांग माई, चियांग राई, और लैम्पांग प्रांतों में इमारतें हिलीं। बैंगकॉक के 63 मंजिला बायोक स्काई होटल में लिफ्ट फंसने से 10 लोगों को बचाया गया।
    • माई साई बॉर्डर (थाई-म्यांमार सीमा) पर कस्टम ऑफिस की दीवारें गिरने से 2 अधिकारी घायल।
  2. पर्यटन पर असर:
    • चियांग राई के प्रसिद्ध वाट रोंग खून मंदिर में दरारें आईं, जिसे तुरंत बंद कर दिया गया।
    • फ्रांग और पाई जैसे हिप्पी पर्यटन स्थलों में सैलानियों को होटलों से निकालकर खुले मैदान में ले जाया गया।
  3. सरकारी कार्रवाई:
    • थाई प्रधानमंत्री श्रेट्था थाविसिन ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और 2 करोड़ बाहट (THB) राहत फंड जारी किया।
    • थाई मौसम विभाग ने लाइव अलर्ट सिस्टम को अपग्रेड करने और जनता को SMS अलर्ट भेजने का फैसला लिया।

भूकंप के वैज्ञानिक कारण

  • टेक्टोनिक प्लेट्स की टक्कर: यह क्षेत्र भारतीय प्लेट के उत्तर-पूर्व की ओर खिसकने और बर्मा माइक्रोप्लेट से टकराने के कारण अतिसंवेदनशील है।
  • फॉल्ट लाइन सक्रियता: भूवैज्ञानिकों के अनुसार, सागाइंग फॉल्ट (म्यांमार) और माई चान फॉल्ट (थाईलैंड) में अचानक ऊर्जा मुक्त होने से झटका आया।
  • इतिहास: 2011 में इसी क्षेत्र में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  1. भारत:
    • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दोनों देशों के प्रति संवेदना जताई।
    • NDRF के 2 टीमें और 100 टन राहत सामग्री (खाद्य पैकेट, टेंट, दवाइयां) रवाना की गईं।
  2. अन्य देश:
    • चीन ने म्यांमार को $1 मिलियन की आपात सहायता देने की घोषणा की।
    • यूएनओCHA (United Nations Office for Humanitarian Affairs) ने क्षेत्र में अपने एजेंट्स को सक्रिय किया।

भूकंप से बचाव के टिप्स (विस्तार से)

  • घर में:
    • भारी फर्नीचर को दीवार से बांधें।
    • गैस और बिजली के मेन स्विच बंद कर दें।
    • “ड्रॉप, कवर, होल्ड ऑन” तकनीक अपनाएं।
  • बाहर:
    • पुलों, बिल्डिंग्स, और पेड़ों से दूर रहें।
    • अगर वाहन में हैं, तो खुले स्थान पर रुकें और रेडियो से अपडेट सुनें।
  • लंबी तैयारी:
    • घर में फर्स्ट एड किट और आपातकालीन कॉन्टैक्ट लिस्ट रखें।
    • सोशल मीडिया पर #EarthquakeAlert जैसे हैशटैग फॉलो करें।

क्यों है यह क्षेत्र संवेदनशील?

  • रिंग ऑफ फायर का प्रभाव: थाईलैंड और म्यांमार प्रशांत रिंग ऑफ फायर के नजदीक हैं, जहां दुनिया के 90% भूकंप आते हैं।
  • निर्माण मानकों की कमी: म्यांमार के ग्रामीण इलाकों में मिट्टी और लकड़ी के घर भूकंपरोधी नहीं होते, जिससे नुकसान बढ़ता है।

भविष्य की चुनौतियां

  • आफ्टरशॉक का खतरा: विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले 72 घंटे में 4.0+ तीव्रता के झटके आ सकते हैं।
  • मानसून की मार: म्यांमार में इस समय बारिश हो रही है, जिससे मलबे में फंसे लोगों का बचाव मुश्किल हो रहा है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड और म्यांमार में आए भूकंप पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ितों के प्रति संवेदना और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा:
“थाईलैंड और म्यांमार में आए भूकंप की खबरें चिंताजनक हैं। इस त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। भारत इस मुश्किल घड़ी में अपने मित्र देशों के साथ खड़ा है और हर संभव मदद को तैयार है।”


भारत की ओर से तत्काल कार्रवाई:

  1. NDRF और राहत सामग्री:
    • मोदी सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 2 टीमें (लगभग 100 कर्मी) म्यांमार भेजने का आदेश दिया।
    • थाईलैंड को चिकित्सा दल, दवाइयाँ, और 500 टेंट भेजे गए।
  2. विदेश मंत्रालय की पहल:
    • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने थाई PM श्रेट्था थाविसिन और म्यांमार के विदेश मंत्री से फोन पर बात कर ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत सहयोग का आश्वासन दिया।
  3. आर्थिक सहायता:
    • भारत ने म्यांमार को $2 मिलियन की तत्काल सहायता राशि देने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री की बैठक में चर्चा:

  • मोदी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, जिसमें निम्न बिंदु उठाए गए:
    • भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
    • अंडमान-निकोबार और पूर्वोत्तर राज्यों में समुद्री और भूकंपीय निगरानी बढ़ाने के निर्देश।

मीडिया को संबोधन:

  • एक प्रेस बयान में PM मोदी ने कहा, “प्राकृतिक आपदाएं राष्ट्रों की सीमाएं नहीं देखतीं। हमारी सरकार ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना से काम करते हुए मानवता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।”

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:

  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर भारत सरकार के कदम का समर्थन किया:
    “इस संकट में भारत की मदद पड़ोसी देशों के साथ हमारे ऐतिहासिक रिश्तों को दर्शाती है। सभी पीड़ितों के प्रति हमारा समर्थन।”

नोट: यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय, पीआईबी (प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो), और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आधिकारिक बयानों के लिए सरकारी स्रोतों से जानकारी लें।

निष्कर्ष

यह भूकंप एक बार फिर प्रकृति की अप्रत्याशित शक्ति की याद दिलाता है। जहां म्यांमार में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, वहीं थाईलैंड ने अपनी बेहतर तैयारी से बड़ी तबाही को टाला है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान को प्राथमिकता देनी चाहिए।

(स्रोत: USGS, Reuters, The Irrawaddy, Bangkok Post, BBC हिंदी, NDTV, म्यांमार रेड क्रॉस)


नोट: यह ब्लॉग विभिन्न समाचार एजेंसियों और सरकारी रिपोर्ट्स पर आधारित है। हताहतों और क्षति के आंकड़े बदल सकते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि ऑफिशियल अपडेट्स के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।

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